अतिशय क्षेत्र पटोरिया जी जैन साम्राज्य की जीती जगतीविरासत है । यहाँ पर अतिशय लगातार होते रहते हैं । माह केप्रथम रविवार को यहाँ दरबार भी लगता है ।पटनागंज रहली 20 किलोमीटर, दमोह 30किलोमीटर, सागर 45 किलोमीटर, नैनागिरि 50 किलोमीटर,कुण्डलपुर 64 किलोमीटर
Address:
अतिशय क्षेत्र पटोरिया जी
ग्राम - गढ़ाकोटा , जिला - सागर (मo प्रo)
संपर्क सूत्र: जिनेश सिंघई, अध्यक्ष (9179182656)सेठ सुशील जैन , मंत्री (09329698701), जिन्नेद्र जैन कोषाध्यक्ष (09329883305
सिद्धक्षेत्र सोनागिरि जी में भगवन का समवशरण कई बारआया तथा यहाँ से नंग - अनंग कुमार साढ़े पांच करोड़ मुनियोंसहित मोक्ष पधारे थे । एक बार सिद्धक्षेत्र के दर्शनों केपश्चात् लगातार हर वर्ष दर्शनों की इच्छा मन में बानी रहतीहैं । जैन समाज की अपूर्व धरोहर है यह तीर्थ ।100 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवंभोजनशालाप्यावल जी 50 किलोमीटर, ग्वालियर 70किलोमीटर, सिंहोनिया 120 किलोमीटर, दतिया 70 किलोमीटर
Address:
सिद्धक्षेत्र सोनागिरि जी
ग्राम – सोनागिरि, जिला - दतिया (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : कार्यालय 07522 – 262222, 262375,ज्ञान चंद्र जैन (0751 – 2327217, संदीप जैन (0751 – 2327217)
ग्रामीण अंचल और ऐसी अपूर्व धरोहर जिसे देखकरही मन प्रफुल्लित हो उठता है तो आइये चलते हैंअपने अतिशय क्षेत्र प्यावल जी ।50 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालादतिया 30 किलोमीटर, झाँसी 30किलोमीटर, ढबरा 55 किलोमीटर, सोनागिरि 45किलोमीटर
Address:
श्री शांतिनाथ अतिशय क्षेत्र प्यावल जी
पोO उन्नाव बालाजी, तेह भांडेर, जिला दतिया (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : जिन्नेंद्र जैन, अध्यक्ष (0510 - 2320044)दिनेश जैन, मंत्री(09415030250)
जैन धर्म की पताका फहराने वाला ऐसा तीर्थ जहाँ आज भीप्राचीन मंदिरों का समूह जैन समाज की यशोगाथा का वर्णनकर रहा है । वास्तव में ऐसा लगता है कि स्वयं देवताओं नेइस तीर्थ स्थान का निर्माण किया हो । हमारी ऐसी अपूर्वधरोहर जिसमें सभी तीर्थकरों कि वीतरागी मनोज्ञ प्रतिमाएंबरबस ही तीर्थयात्रियों को अपनी और आकर्षित करती है ।पपौरा जी दर्शन से यह पंक्तियाँ सत्य प्रतीत होती हैं ।एक बार जो गया पपौरा उसका हुआ भला है, पत्थर को भीमोम बनाने वाली यहाँ कला है ।1000 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालासंपर्क सूत्र : कोमल चंद्र जैन, अध्यक्ष (09424923545)आहार जी 25 किलोमीटर, द्रोणागिरी 65किलोमीटर, नैनागिरी 100 किलोमीटर, टीकमगढ़ 05 किलोमीटरव ललितपुर 65 किलोमीटर
Address:
अतिशय क्षेत्र पपौरा जी
जिला - टीकमगढ़ (मo प्रo)
विजय कुमार जैन, मंत्री(09977135921), सुनील कुमार जैन, प्रबंधक (09754516254,09424346145)
बुन्देलखण्ड का अति प्राचीन पवन तीर्थ, जैन समाज की अपूर्वधरोहर के रूप में विख्यात है । अनेकों अतिशयों के साथ यहसिद्धक्षेत्र अपनी अनुपम छटा के लिए सभी के दिलों में जगहबनाये हुए है । हज़ारों वर्ष प्राचीन मूर्तियाँ तीर्थ यात्रियों कोसदैव आकर्षित करती है ।100 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालाटीकमगढ़ 25 किलोमीटर, पपौरा जी 22किलोमीटर, बड़ागांव 30 किलोमीटर, द्रोणागिरिजी 56 किलोमीटर,खजुराओ 12 किलोमीटर,
Address:
श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र अहार जी
जिला - टीकमगढ़ (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : वीरेंद्र कुमार जैन अध्यक्ष (09425141579),जय कुमार शास्त्री, मंत्री (09425893947), नरेंद्र जैन,कोषाध्यक्ष (09425141593)
होती जहाँ पुष्प की वर्षा, बहती शांति सुधारा है ,जहाँ लगा सुध्यान आत्मा, पति मुक्ति किनारा है ।अतिशयता अवलोक जहाँ की, मन विस्मित रह जाता है ।हो जाती भू पूज्य वहाँ की, तीर्थ नया बन जाता है ।।एक बार जो गया दर गुवाँ, उसका हुआ भला है, आओमित्रों चलें दरगुवाँ, अवसर आज मिला है ।50 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालाबड़ागांव 04 किलोमीटर, पपौरा जी 14किलोमीटर, टीकमगढ़ से 18 किलोमीटर, आहार जी 30किलोमीटर
Address:
श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर दरगुवाँ जी
जिला - टीकमगढ़ (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : रिषभ कुमार जैन (09977432540), पवन कुमार जैन (09893318471)
धसान नदी का तट और पहाड़ी पर स्थित जिनालय जो हज़ारोंवर्षों से अपूर्व धरोहर के रूप में विद्यमान है और जैन समाजकि यशोगाथा का गुणगान कर रहा है । निर्वाण कांड मेंउल्लिखित सिद्धक्षेत्र का सुरम्य वातावरण आज भी तीर्थयात्रियों को हजारों वर्ष पूर्व की तरह ही आकर्षित करने मेंसक्षम है ।फलहोड़ी बड़गाम अनूप , पच्छिम दिशा द्रोणागिरी रूप ।गुरुदत्तादि - मुनीसुर जहाँ, मुक्ति गए वंदो नित तहाँ । 50 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशाला।पपौरा जी 20 किलोमीटर, टीकमगढ़ 15किलोमीटर, आहार जी 35 किलोमीटर, नवागढ़ 12 किलोमीटर
Address:
सिद्धक्षेत्र फलहोड़ी जी, बड़ागॉव (धसान)
जिला - टीकमगढ़ (मo प्रo ) फ़ोन : 07683 – 257278
संपर्क सूत्र : वीरेंद्र कुमार जैन अध्यक्ष (09977023415),शाह मुल्ला लाल जैन,मंत्री(09977016880)लखन कुमार जैन कोषाध्यक्ष (08959165816), राजाराम समर्रा (09977042311)
मूर्ति भंजक औरंगजेब ने जब मुत्री तोड़ने के लिए हाथ ऊपरउठाया तो उसके हाथ ऊपर ही बंध गए और क्षेत्र का नाम पड़ाबंधा जी । भगवान अजितनाथ और चन्द्रप्रभु के दर्शन करने सेसमस्त पापों का क्षरण हो जाता है । ऐसे अतिशय क्षेत्र केदर्शन कर पुण्यार्जान करें ।क्षेत्र बंधा की पुण्य धरा गा रही गौरव गीत,एक बार जो आ गया हो गई उसकी जीत100 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालाललितपुर 57 किलोमीटर, टीकमगढ़ 35किलोमीटर, झाँसी 65 किलोमीटर
Address:
श्री आदिनाथ अतिशय क्षेत्र बंधा जी
ग्राम - बंधा , तहo - जतारा, जिला टीकम गढ़ (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : सुभाष जैन, अध्यक्ष (09993487900)निर्मल जैन, मंत्री (09589264285)
लगभग 3000 वर्ष पूर्व भगवान पार्श्वनाथ का समवशरण यहाँआया था, साथ ही पांच ऋषिराजों ने यहाँ से मोक्ष प्राप्तकिया । रमणीय सरोवर के मध्य मंदिरों की श्रृंखला देखने हीबनती है । ऐसा मनोहारी दृश्य बहुत कम दिखाई देता है ।द्रोणागिरि 80 किलोमीटर, पपौराजी 102किलोमीटर, अहार जी 115 किलोमीटर, कुण्डलपुर 120किलोमीटर, खजुराहों 168 किलोमीटर
Address:
सिद्धक्षेत्र नैनागिरि (रेशन्दीगिरि)
ग्राम – नैनागिरि, तहO - बक्स्वाहा , जिला - छत्तरपुर (मo प्रo)
संपर्क सूत्र: सुरेश चंद्र जैन, अध्यक्ष (09425010111)सेठ दामोदर जैन मंत्री, पूर्ण चंद्र जैन, कोषाध्यक्ष (फ़ोन :07583 - 252368)
शिल्प एवं वास्तुकला का अनूठा संगम है विश्व प्रसिद्धअतिशय क्षेत्र खजुराहो । मंदिरों की श्रृंखला ऐतिहासिक औरकलात्मकता की दृष्टि से उत्कृष्ट ही नहीं सर्वोत्तकृष्ट है ।शांतिनाथ भगवान की मनोहारी मूर्ति के दर्शन से अत्यंत शांतिका अनुभव होता है ।200 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवंभोजनशालाछतरपुर 46 किलोमीटर, पन्ना 46किलोमीटर, द्रोणागिरि 100 किलोमीटर, नैनागिरि 165किलोमीटर, कुण्डलपुर 180 किलोमीटर, अहार जी 125किलोमीटर, पपौरा जी 150 किलोमीटर
Address:
श्री शांतिनाथ अतिशय क्षेत्र खजुराहो
पोस्ट - खजुराहो , तहo - छत्तरपुर (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : 07686 – 274148 शिखर चंद्र जैन, अध्यक्ष (09424922444)विनोद कुमार जैन, मंत्री (09425342180), रिषभ जैन प्रबंधक (07415492552)
अति प्राचीन क्षेत्र द्रोणागिरी जी दो नदियों के मध्य विधमानपर्वत माला पर मंदिरों की श्रृंखला में विराजित तीर्थकरों कीअनूठी विरासत है । यहीं से गुरुदत्त मुनि सहित साढ़े आठकरोड़ों मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया था । चरों और हरियालीएवं सुरम्य वातावरण तीरत यात्रियों का मन मोह लेता है ।क्षेत्र को लघु सम्मेद शिखर जी के नाम से जाना जाता है ।आयुर्वेदिक जड़ी - बूटियों का भी यहाँ प्रचर भंडार है ।100 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालाअहार जी 56 किलोमीटर, पपौरा जी 55किलोमीटर, नैनगिरि 81 किलोमीटर , खजुराओ 103 किलोमीटर,डेरा पहाड़ी 81 किलोमीटर, मडा मलहरा 81 किलोमीटर, छतरपुर81 किलोमीटर
Address:
श्री आदिनाथ सिद्धक्षेत्र द्रोणागिरी
ग्राम - सेंदपा , तहo - बिजावर, जिला - छतरपुर (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : पवन कुमार जैन, प्रबंधक कपूर (09754355296),चंद्रजैनगुहारा अध्यक्ष (09425880545)महेश चंद्र जैन मंत्री (09425144606) ,भाग चंद्र जैन कोषाध्यक्ष (07689 - 252206)
width="100%" height="200" frameborder="0" style="border:0" allowfullscreen>
हीरे जैसी चमकती हुई लगभग सभी तीर्थकरो की मूर्तियां तीर्थयात्रियों का मन मोह लेती है और कुएं का जल पीने से अनेकोंरोग आज भी दूर हो जाते हैं शिल्प कला का बेजोड़ नमूना हैअपना अतिशय क्षेत्र पचराई जी |खनियादाना 20 किलोमीटर, गोलाकोट28 किलोमीटर, थूबोन जी 105 किलोमीटर, पावागिरि 85किलोमीटर, सैरोनजी 90 किलोमीटर,
Address:
श्री शांतिनाथ अरहनाथ व कुन्थुनाथ अतिशय क्षेत्र पचराई जी
खनियाधाना, जिला - शिवपुरी (मo प्रo)
संपर्क सूत्र: एस के जैन (IPS) अध्यक्ष(9990199005)राकेश जैन, कार्यकारी अध्यक्ष (9811175079), कीर्ति जैन महामंत्री (09340065552)
दिन में पर्वतमाला पर प्रकृति की सुरम्य गोद में विराजित हैभगवान आदिनाथ | ऐसा मनोहारी रूप जिसे देखते ही बरबसबार-बार यहां आने के लिए मन उत्तेजित रहता है ऐसा हैअपना यह अतिशय क्षेत्र गोलाकोट|चंदेरी 58 किलोमीटर, खनियादाना 08किलोमीटर, पचराई 28 किलोमीटर, थूबोन जी 85 किलोमीटर,पावागिरि 65 किलोमीटर, सैरोनजी 70 किलोमीटर,
Address:
श्री आदिनाथ अतिशय क्षेत्र श्री गोलाकोट जी
ग्राम – गूडर , तहO - खनियाधाना, जिला - शिवपुरी (मo प्रo)
संपर्क सूत्र: एस के जैन (IPS) अध्यक्ष(9990199005)राकेश जैन, कार्यकारी अध्यक्ष (9811175079), कीर्ति जैन महामंत्री (09340065552)
Shri Digambar Jain Atishay Kshetra, Nasiyaanji, Arthuna, Rajasthan, No of Temples: 01, Pahaad/Mountain: Yes, No steps. Historical Importance: There are 49 idols in standing and sitting posture as well, about 1km. away from human settlement. The year carved on them is 1100 to 1200. The place has historical importance as many remain of Jain and Hindu Temple is there. The place is new under control of archaeological department of India.
Address:
Arthuna , Garhi
Banswara, Rajasthan - 327032
No of Temples: 04 + 1 choubisi, Pahaad/Mountain: Yes, Accessible by vehicle, Historical Importance: The main idol of Lord Parshwanathji was obtained from farm when one tribal farmer was ploughing. The place is highly adorable by Jain and non-Jain people as well. They believe that just watching the idol fulfills their wishes. Sacred pillar and glass Temple are work to see. Annual Fair: Kartik Poornima.
Address:
Andeshwar , Kushalgarh
Banswara , Rajasthan - 327602
No of Temples: 03 (02 in village Nougama and 01 in Nasiyaji). Pahaad/Mountain: yes, a hillock, Historical Importance: The place Nasiyaji is ancient and was established as per Bhattarak sector. It has a model of Nirwan Kshetra (Salvation Place) Shri Sammed Shikharji. Annual Fair: Kartik Sudi 2. Special Information: In nearby village namely Kalinjra, three is historical Bawan Devi Temple. In its premises, three is a beautiful and miraculous 15 feet tall idol of Lord Bahubali with lotus in built. It is worth to see.
Address:
Nogama, Banswara
Rajasthan - 327603
No of Temples: 01, Pahaad/Mountain: No, Historical Importance: Hearsay that the Temple has brought here by Bhattarak Sumatkiti by air! There is a beautiful idol of Lord Parshwanathji with 07 hoods. Annual Fair: Annual fair as well as flag hosting is performed on the day of Chaitra Shukla ekam.
Address:
Vagol , Kushalgarh , Banswara
Rajasthan - 327801
बड़े बाबा की अत्यंत प्राचीन मनोहारी मूर्ति सदैव अपनी औरआकर्षित करती है अनेकों अतिशय इस सिद्धक्षेत्र में होते हीरहे हैं | भगवान समवशरण भी यहां आया था | मूर्ति भंजकमोहम्मद गजनवी ने जब प्रतिमा पर छैनी लगाई तो प्रतिमाजी से दूध की धारा व भौरों की पंक्ति प्रकट हो गई | अतःउन सभी को वहां से भागना पड़ा | यह क्षेत्र श्रीघर की सिद्धभूमि है । हरीतमा से वातावरण सदैव मनोहारी बना रहता है ।500 व्यक्तियों के रुकने की व्यवस्था एवं भोजनशालादमोह 38 किलोमीटर, पपौरा जी 145किलोमीटर, नैनगिरि 125 किलोमीटर, द्रोणागिरि 130 किलोमीटर,बीना बारह 110 किलोमीटर,
Address:
श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र कुंडलगिरि, कुण्डलपुर
ग्राम - कुण्डलपुर, तह - पटेरा, जिला - दमोह (मo प्रo)
संपर्क सूत्र : संतोष कुमार जैन अध्यक्ष (09425611762)वीरेंद्र बजाज मंत्री (09425095548), प्रबंधक (07605 - 272230)
Hasteda Village, with population of 4489 is Chomu sub district's the 21st most populous village, located in Chomu sub district of Jaipur district in the state Rajasthan in India. Total geographical area of Hasteda village is 12 km2 and it is the 12th biggest village by area in the sub district. Population density of the village is 366 persons per km2. Nearest town of the village is Chomu and distance from Hasteda village to Chomu is 24 km. The village has its own post office and the pin code of Hasteda village is 303712. Chomu is the sub district head quarter and the distance from the village is 24 km. District head quarter of the village is Jaipur which is 57 km away. 4.06 square kilometer (33%) of the total village's area is covered by forest.
DEMOGRAPHICS The village is home to 4489 people, among them 2304 (51%) are male and 2185 (49%) are female. 66% of the whole population are from general caste, 26% are from schedule caste and 8% are schedule tribes. Child (aged under 6 years) population of Hasteda village is 15%, among them 52% are boys and 48% are girls. There are 757 households in the village and an average 6 persons live in every family.
Address:
Ridhi Sidhi Nagar Kunari Rajasthan State Electricity Board Area
Kota, Rajasthan - 324008
One of the holy places of Jainism in entire India is known as 'Shri Mahavirji' in Rajasthan. This temple is a grand temple of Lord Shri Mahavir Swamy. This Digambar Jain is a major center of faith of Goddesses. Located on the banks of the river of the river, the idol of Lord Vardhaman Mahavirji, 24th Tirthankar is immortalized in this temple.
Address:
Chomu Purohitan
Rajasthan - 332602
No of Temples: 02, Pahaad/Mountain: No, but there is Arwali hill range near the Khetra, Historical Importance: The Temple of Lord Aadinathji is constructed is this desert of Rajasthan in the year Sanwat 1674 (1617 AD). Idol of Lord chandraprabh is establishes in Nisiyaji. Hearsay that deties visit here during night and the melodious sound of their anklets used to listen here. Hearsay that when Aurangajeb came to know about fame of this Temple, he decided to loot it but as he came near the Temple, honeybees attacked him and his solders. As a result he need away one move interesting fact is that still no one can correctly count the number of pillars. Amazing the idol Lord Shantinathji was stolen four times and again been found established at the same place! The idol Lord Sumatinathji is obtained them underground.
Address:
Raiwasa, Dantaramgarh, Sikar
Rajasthan - 332403
In connection with the concert of Ravindra Kirti Maharaj of Manjidungi Maharashtra, Kiran Prakash Shastri Sanganer and Anshish Shastri Sikar performed the religious ceremonies. Before this, Manashmabh Jinnabamb was anointed at seven in the morning. After twenty years in this temple, Manjambib was honored with the great honor of Virajit Genibimb. The first program was done in the connivance of Sudhasagar Maharaj.
Address:
Station Rd, Subhash Chowk, Sikar,
Rajasthan - 332001
No of Temples: 03, Pahaad/Mountain: Yes, Historical Importance: An ancient Jinalay is on mountain for idols of 1.5 meter tall each are carved in a single stone. These belong to sanwat 20 to 30. Special Information: There are four miraculous beautiful idols on kshetra.
Address:
Khandar, Sawai Madhopur
Rajasthan - 322025
No of Temples: 12, Pahaad/Mountain: No, Historical Importance: A crystal idol was obtained underground about 1km away from Temple. There were many miraculous incidents when the idol was established in Temple, hence the place got its name. Nasaruddin and Safruddin got their wishes fulfilled by praying here to they constructed ornamental pavilions. The place has 10 huge Temple. Annual Fair: Sharad Poornima and Lord Aadinathji birth ceremony.
Address:
Sheopur - Sawai Madhopur Road, Near Alanpur Circle, Alanpur
Sawai Madhopur, Rajasthan - 322021
The town of Sawimadhopur in Rajasthan is not only known for its Tiger Reserve, but also the temple of the world famous Trinitator Ganesh Ji. Besides, here come tourists from India and abroad to visit the world's famous armored Ranthambore Fort.
Apart from the temple of Trinatera Ganesh Ji in this fort, there are many other temples, including the ancient Digambar Jain temple.
The ancient Digambar is an open square outside the sanctum of the Jain temple and two rooms have been built for the temple carpenter.
Ranthambore Fort is declared the historical heritage, hence the temple is present in ancient spruce too. Muni Shri Sudha Sagar ji Maharaj is being revived according to ancient method of this place since the time of Chaturmas in Sawai Madhopur. This place was given the name of Surnasiddhi Tirthi by Muni Shri Sudha Sagar Ji Maharaj.
Address:
Sawai Madhopur,
Rajasthan 322001